Sunday, January 23, 2011

मेरा अकेलापन मेरा दोस्त है,
वो मेरा साथ कभी नहीं छोड़ता
मरघट का सन्नाटा हो या,
दोस्तों की महफ़िल
वो हमेशा साथ ही रहता है
पर मैं उसकी दोस्त नहीं
धोका दिया उसे कई बार
छोड़ आई भरे बाजार में
सोच कर की छोटे बच्चे जैसा गुम जायेगा
पर वो सच्चे साथी सा वापस आता रहा
पालतू कुत्ते सा रट चुका है मेरे दिल के रास्ते को
वो रास्ता जो कभी किसी को दिखा नहीं,
क्यूँ उस कम्बखत को कभी भूला नहीं!

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